"आग़ोशे-मुहब्बत"(रुबाइ)

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"आ के इक बार गले से  तू लगा ले मुझको !  अपने आग़ोशे-मुहब्बत   में उठा ले मुझको !!  जिस्म में ख़ून जवानी   का रवां है कि नहीं ?  और अगर है ...

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